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पिथौरा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

 छत्तीसगढ़ 24 लाइव / संवाददाता रोहित कुमार 



पिथोरा। 9 मार्च 2024 को सजक समाजसेवी संस्था पिथौरा के द्वारा बड़े धूमधाम से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया पिथौरा के बैडमिंटन क्लब में पिथौरा ब्लाक के 25 गांव से 340 महिला पुरुषों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया सर्वप्रथम बाबा साहेब अंबेडकर एवं भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के फोटो पर माली अर्पण कर संविधान के प्रस्तावना को दोहराया गया तत्पश्चात गांव के महिला मुखिया द्वारा अपने-अपने गांव की महिला संगठनों में हो रही गतिविधियों की जानकारी दिया गया है सजग समाज सेवा संस्था की संस्थापिका सुश्री प्रेरणा के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के ऐतिहासिक दिन के बारे में जानकारी दिया गया यह दिन बड़े संघर्षों के बाद महिलाओं को प्राप्त हुआ है अमेरिका के शिकागो शहर में क्लारा जतिन के द्वारा 1909 में कपड़ा मिल के महिला मजदूरों द्वारा काम के घंटे को लेकर आंदोलन चलाया गया था उस समय 15 से 20 घंटा तक महिला मजदूर काम करते थे इस आंदोलन में काम का 8 घंटा हुआ या आंदोलन विश्व व्यापी रहा पूरे देश में 1910 में पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जो आज तक पूरे देश में ऐतिहासिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है आगे उन्होंने कहा कि सजग  समाज सेवी संस्था पिथौरा द्वारा 2006 से घरेलू हिंसा जेंडर समानता पर जमीनी स्तर पर महिलाओं के बीच में समय-समय पर ट्रेनिंग प्रशिक्षण बैठक मीटिंग एवं पंपलेट पोस्ट परिचय के द्वारा लोगों को जानकारी देते रहे और गांव स्तर पर महिला नेत्री पैदा कर रही है ताकि महिलाएं अपने अधिकार के लिए खुद लड़ सकें इस वर्ष हमने 1 मार्च से लेकर 10 मार्च भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि तक गांव-गांव में जागरूकता अभियान नुक्कड़ नाटक रैली पंपलेट पोस्ट के माध्यम से घरेलू हिंसा खत्म करने हेतु परिवर्तन के लिए आवाज नाम देकर गांव-गांव में6 अभियान चलाया गया तत्पश्चात बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रोग्राम किया गया सभा को प्रकाश डालने के लिए व्यवहार न्यायालय पिथौरा से न्यायाधीश प्रतीक जी अपना उद्बोधन दिए जिसमें विशेष कर महिलाओं के ऊपर हो रहे घरेलू हिंसा की रोकथाम हेतु जानकारी दिया गया तथा घरेलू हिंसा के प्रकार जैसे शारीरिक हिंसा मानसिक हिंसा आर्थिक हिंसा एवं लैंगिक हिंसा पर महिलाओं को बारीकी से जानकारी दिया गया तथा यह भी बताया गया कि पिथौरा में अब प्रोटेक्शन अधिकारी नियुक्ति हो चुकी है घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं अपने गुहार लगा सकती हैं कानून का लाभ ले सकते हैं घर से हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा कानून छोटे बड़े सब के लिए है तत्पश्चात महिला अधिवक्ता सुश्री क्षमा गोयल द्वारा महिलाओं को अपने जोशीले भाषण द्वारा एक जूता एवं न्याय के लिए घर से लड़ाई लड़ने का जानकारी दिया गया अपने अधिकार के लिए हमें घर से लड़ना होगा घरेलू हिंसा कानून 2005 में बनी है जो घर के अंदर पितृ सत्ता द्वारा भाई बेटा पति या पिता द्वारा जो भी हिंसाएं होती है उसका हमें विरोध करना है लड़ना है तभी हमें अपना अधिकार मिलेगा सभा को आगे बढ़ते हुए अधिवक्ता देवांगन जी द्वारा महिलाओं को लड़की लड़का में भेदभाव तथा महिलाओं से संबंधित कानून के बारे में जानकारी दिया गया तथा महिलाओं से कहा गया कि घरेलू हिंसा व्यक्तिगत हिंसा नहीं होती यह एक सामाजिक हिंसा है इसका हमें खुलकर विरोध करना चाहिए और लड़कियों को पढ़ने हेतु प्रेरित करना चाहिए तत्पश्चात सभा को आगे बढ़ते हुए पिथौरा के थाना प्रभारी श्री राजपूत जी द्वारा कानून की जानकारी दिया गया पुलिस और लोगों में एक दूरियां हर समय रहती है इस दूरी को हमें खत्म करना है तभी अपराध खत्म होगा आज दिनों दिन अपराध बढ़ते जा रहे हैं छोटे-छोटे बच्चे भी दारू पीकर अपराध कर रहे हैं इसकी हमें रोकथाम करनी होगी महिलाओं के लिए कानून का दरवाजा हर समय खुला है महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बनी है जब कभी भी कोई भी अपराध होती है आप कानून का सहारा ले सकते हैं तत्पश्चात कार्यक्रम में आए इंदल माझी जी सुदर्शन मुन्ना जी द्वारा महिला समूह को आगे बढ़ाने हेतु प्रेरित किया गया कार्यक्रम में व्यवहार न्यायालय से आए मजिस्ट्रेट द्वारा संघर्षील महिलाओं को संविधान घर एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रोग्राम के साथ-साथ महिलाओं के साथ महिला एकता जिंदाबाद हम छत्तीसगढ़ की नई हैं फूल नहीं चिंगारी है करके नारे लगाए गए तथा महिलाओं द्वारा सुआ नृत्य भी किया गया प्रत्येक गांव से जिनको सम्मानित किया गया अधिवक्ता क्षमा गोयल द्वारा कार्यक्रम को उत्साहित किया गया दलित आदिवासी मंच की संयोजिका राजिम केथवास द्वारा 1 तारीख से 9 तारीख तक का जो लोगों को संदेश दिया गया है विशेष करके नई पीढ़ी महिलाओं को यह बहुत सराहनीय है यह कार्यक्रम अब समाप्त नहीं होगा समय-समय पर होता रहेगा ताकि महिलाओं में और जागरूकता सके और महिलाएं अपने अधिकार को जान सके और हिंसा का खुलकर जवाब दे सके चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो हिंसा को अब न सहो कार्यक्रम के अंत में संस्था के अध्यक्ष श्रीमान देवेंद्र बघेल द्वारा दुर गांव से आए महिलाओं को उनकी ताकत और जुनून को देखते हुए धन्यवाद दिया तथा कार्यक्रम में आए सभी मुख्य अतिथियों का भी धन्यवाद दिया यह कार्यक्रम अंत में सुआ नृत्य के द्वारा समाप्ति की गई।

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